फर्जी पत्रकारों की मनमानी! मुकदमा दर्ज होने के बाद भी जिला अस्पताल में फिर मंडराने लगे धार्मिक माहौल बिगाड़ने वाले युवक लोगों में नाराज़गी,...
फर्जी पत्रकारों की मनमानी! मुकदमा दर्ज होने के बाद भी जिला अस्पताल में फिर मंडराने लगे धार्मिक माहौल बिगाड़ने वाले युवक
लोगों में नाराज़गी, सवाल — सख्त धाराओं में मुकदमा होने के बाद भी क्यों नहीं हुई कार्रवाई?
तामीर हसन शीबू
जौनपुर।अमर शहीद जिला अस्पताल, जौनपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोपों में फंसे दो कथित फर्जी पत्रकार, एक बार फिर से अस्पताल परिसर में खुलेआम घूमते नज़र आ रहे हैं। हाथ में कैमरा और कंधे पर बैग टांगे ये युवक परिसर में वीडियो बनाते हुए देखे गए, जिससे अस्पताल प्रशासन और स्थानीय लोगों में फिर से बेचैनी फैल गई है।
पहले भी हुआ था मामला दर्ज
कुछ दिन पहले महिला अस्पताल के CMS डॉ. एम. के. गुप्ता ने इन दोनों युवकों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को एक लिखित शिकायत भेजी थी। शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि ये युवक फर्जी पत्रकार बनकर अस्पताल परिसर में घुस आते हैं, मरीजों व स्टाफ के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करते हैं।
शिकायत पर गंभीरता दिखाते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने दोनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
फिर भी नहीं थमी हरकतें
मुकदमा दर्ज होने के बावजूद, इन दोनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कार्रवाई का डर न होने के कारण अब ये दोनों युवक दोबारा अस्पताल परिसर में सक्रिय दिख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों फिर से वीडियो बनाकर वायरल करने की कोशिश में जुटे हैं।
अस्पताल प्रशासन में रोष, जनता ने उठाए सवाल
अस्पताल प्रशासन और स्टाफ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “अगर पहली बार में ही सख्त कार्रवाई की गई होती, तो ये दोनों आज दोबारा अस्पताल नहीं आते।”
स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि पुलिस की ढिलाई की वजह से ये युवक फिर से मनमानी पर उतर आए हैं।
एक मरीज के परिजन ने कहा —
“अस्पताल इलाज की जगह है, यहां अगर ऐसे लोग आएंगे तो माहौल बिगड़ेगा। पुलिस को तुरंत सख्त कदम उठाने चाहिए।”
पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
फिलहाल, कोतवाली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर गंभीर धाराओं के बावजूद कार्रवाई में देरी क्यों?
कब लगेगा नकेल?
हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “मामले की निगरानी की जा रही है और जल्द कार्रवाई की जाएगी।”
लेकिन शहर के लोगों में यह चर्चा जोरों पर है कि जब तक ऐसे फर्जी पत्रकारों पर उदाहरणात्मक कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ये प्रवृत्ति थमने वाली नहीं है।

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