धर्म के नाम पर फर्जी वीडियो की साजिश बेनकाब — लेबर रूम में घुसे दो युवकों पर मुकदमा दर्ज की तैयारी, अस्पताल में मचाई थी अराजकता तामीर हसन श...
धर्म के नाम पर फर्जी वीडियो की साजिश बेनकाब — लेबर रूम में घुसे दो युवकों पर मुकदमा दर्ज की तैयारी, अस्पताल में मचाई थी अराजकता
तामीर हसन शीबू
जौनपुर।धर्म के नाम पर झूठ फैलाने की कोशिश करने वाले दो युवकों की करतूत अब उजागर हो गई है। सोशल मीडिया पर वायरल “मुस्लिम महिला का प्रसव धर्म के कारण रोके जाने” वाली खबर पूरी तरह फर्जी, भ्रामक और साजिशन बनाई गई पाई गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मिली जांच रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि यह पूरा मामला धार्मिक नफरत फैलाने और अस्पताल की छवि धूमिल करने की कोशिश थी।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला महिला चिकित्सालय जौनपुर ने बताया कि मोहम्मद उस्मान (मो. 8499705050) और मयंक श्रीवास्तव (मो. 8960352945) नामक दो युवक पत्रकार बनकर जबरन लेबर रूम में घुस गए, जबकि वहाँ केवल अधिकृत महिला स्टाफ को ही प्रवेश की अनुमति होती है।
दोनों ने ड्यूटी पर तैनात सैनिक गार्ड से धक्का-मुक्की की, भर्ती प्रसूता को बहला-फुसलाकर झूठे बयान दिलवाए और फिर बिना किसी अनुमति या रिकॉर्ड के मरीज को अस्पताल परिसर से भगा दिया।
अस्पताल प्रशासन ने तत्काल इसकी सूचना भंडारी पुलिस चौकी को दी और दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
वीडियो जांच में सामने आया कि वीडियो में दिखाई गई महिला, श्रीमती समा परवीन पत्नी अरमान शाह निवासी उत्तर पट्टी, ब्लॉक बक्शा, ने 2 अक्टूबर 2025 को सुबह 7 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्शा में भर्ती होकर 7:38 बजे नार्मल प्रसव से पुत्र रत्न को जन्म दिया।प्रसव स्टाफ नर्स सपना कुमारी द्वारा कराया गया था, और जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां से मिलाकर ब्रेस्ट फीडिंग कराई गई।नवजात को सभी टीके और आवश्यक देखभाल दी गई, तथा प्रसूता को जननी सुरक्षा योजना के तहत सभी लाभ प्रदान किए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि वायरल वीडियो में दिखाई गई बातें सिर्फ झूठ का पुलिंदा हैं, जिनका उद्देश्य धार्मिक सौहार्द बिगाड़ना, अस्पताल की साख गिराना और सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता बटोरना था।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने न केवल मरीजों की निजता और सुरक्षा का उल्लंघन किया, बल्कि सरकारी कार्य में बाधा डालने और अस्पताल के अनुशासन को तोड़ने जैसा गंभीर अपराध किया गया है।
अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोनों युवकों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है, और यह मामला अब कानूनी कार्रवाई के दायरे में है।
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति अस्पताल परिसर में इस तरह का दुस्साहस करेगा, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तथ्यों की जांच में निकला कि महिला का प्रसव 02 अक्टूबर 2025 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्शा में हुआ।नार्मल डिलीवरी, स्वस्थ बच्चा, सभी टीके व सुविधाएं दी गईं।वीडियो में दिखाई गई बातें पूरी तरह मनगढ़ंत और भ्रामक दोनों युवक फर्जी पत्रकार बनकर अस्पताल की सुरक्षा भंग करने के दोषी
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