नगर पालिका में “तेल का खेल” 3 माह में 3 करोड़ का डीज़ल! बिना निर्माण 98 लाख का पेमेंट – बोर्ड बैठक में सभासदों का बवाल, जमीन पर बैठकर दिया ...
नगर पालिका में “तेल का खेल”
3 माह में 3 करोड़ का डीज़ल! बिना निर्माण 98 लाख का पेमेंट – बोर्ड बैठक में सभासदों का बवाल, जमीन पर बैठकर दिया धरना
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। नगर पालिका परिषद जौनपुर में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में अचानक माहौल गरमा गया, जब कई सभासद जमीन पर बैठकर धरना देने लगे।
सभासद दीपक जायसवाल ने आरोप लगाया कि पालिका प्रशासन ने महज़ तीन माह में करीब 3 करोड़ रुपये का डीज़ल खर्च दिखा दिया है। उनका कहना था कि इतनी बड़ी खपत असंभव है और यह “तेल का खेल” है।
इसी के साथ सभासदों ने यह भी चौंकाने वाला खुलासा किया कि बिना निर्माण कार्य कराए ही 98 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। आरोप है कि यह पूरा खेल मिलकर किया गया है और जनता के टैक्स के पैसे को पानी की तरह बहाया जा रहा है।
सभा में मौजूद अन्य सभासदों ने भी इन आरोपों का समर्थन करते हुए जमकर नारेबाज़ी की और कहा कि नगर पालिका अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। उनका कहना था कि जब तक इन गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
धरना दे रहे सभासदों का साफ कहना था कि यह जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है, और उसे लूटने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने ठोस जवाब नहीं दिया तो मामला उच्च स्तर तक ले जाया जाएगा।
नगर पालिका की बोर्ड बैठक में पहली बार सभासदों को जमीन पर बैठकर विरोध करना पड़ा। इस घटनाक्रम ने न सिर्फ नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आने वाले समय में बड़ा राजनीतिक भूचाल आने के संकेत भी दे दिए हैं।
नगर के लोगों में भी इस मामले को लेकर गहरा रोष है। स्थानीय व्यापारी राजेश गुप्ता ने कहा, “हमारा खून-पसीने का पैसा टैक्स के रूप में पालिका को जाता है, और अगर उसका ऐसा दुरुपयोग हो रहा है तो यह जनता के साथ धोखा है।” वहीं मोहल्ले की निवासी रीना सिंह ने कहा, “सड़क और नाली तक ठीक से नहीं बनीं, सफाई का हाल बुरा है, लेकिन करोड़ों रुपये डीज़ल और फर्जी भुगतान में खर्च दिखाए जा रहे हैं। अब जनता चुप नहीं बैठेगी।”
सभासदों और स्थानीय लोगों ने पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर आरोप सही पाए गए तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उधर सूत्रों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन भी इस पर नज़र बनाए हुए है और आने वाले दिनों में जांच कमेटी गठित की जा सकती है।
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