विश्व हृदय दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी : हृदय रोग बन रहा महामारी, जागरूकता ही बचाव जौनपुर। विश्व हृदय दिवस पूर्व संध्या पर 27 सितम्...
विश्व हृदय दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी : हृदय रोग बन रहा महामारी, जागरूकता ही बचाव
जौनपुर।विश्व हृदय दिवस पूर्व संध्या पर 27 सितम्बर को आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने चेताया कि यदि समय रहते लोग सतर्क नहीं हुए तो भारत "हृदयरोगियों का गढ़" बन जाएगा। वर्तमान में हृदय रोग से विश्वभर में हर वर्ष लगभग 75 लाख लोगों की मौत होती है। अचानक मौत के मामलों में दुर्घटना के बाद सबसे अधिक कारण हार्ट अटैक ही है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि पहले हृदय रोग अमीरों और पश्चिमी देशों की बीमारी मानी जाती थी क्योंकि मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान और निष्क्रिय जीवनशैली बड़े वर्ग तक सीमित थे। लेकिन आज औद्योगीकरण और बदलती जीवनशैली ने इसे हर वर्ग तक पहुँचा दिया है। अब हर नौवें व्यक्ति को उच्च रक्तचाप, हर सातवें को मधुमेह और हर चौथे व्यक्ति में धूम्रपान व असामान्य जीवनशैली देखने को मिल रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार भारत में लगातार मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। हृदयाघात की घटनाएं गाँवों तक फैल चुकी हैं और महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही हैं। हृदयाघात से मृत्यु दर 40% तक है। वहीं, एंजियोग्राफी, एन्जीयोप्लास्टी, बाईपास, पेसमेकर और वाल्व जैसी महंगी चिकित्सा आम नागरिकों की पहुँच से बाहर है।
डॉक्टरों ने कहा कि यदि लोग संयमित जीवनशैली अपनाएं, वजन नियंत्रित रखें, नियमित व्यायाम करें, नशे से दूर रहें और प्राकृतिक आहार लें तो हृदय रोगों के दुष्परिणामों से बचा जा सकता है।
इस अवसर पर कृष्ण ट्रामा सेंटर के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रोबिन सिंह ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। संगोष्ठी में डॉ. मोहित सिंह, फार्मा मैनेजर्स एसोसिएशन के दिनेश श्रीवास्तव, महामंत्री रामचन्द्र मधुकर श्रीमाली, यूपीएमएसआरए के मनोज सिंह, अजय चौरसिया सहित कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन जेपीएमसी संयोजक देवेश गुप्ता ने किया। अंत में कृष्णान्जलि परिवार की ओर से डॉ. मधु शारदा ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया
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