पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को यू.पी.सी.एस.टी. से मिला शोध अनुदान डॉ.मनीष प्रताप और डॉ.श्याम कन्हैया करेंगे शोध 29 लाख की मिली श...
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को यू.पी.सी.एस.टी. से मिला शोध अनुदान
डॉ.मनीष प्रताप और डॉ.श्याम कन्हैया करेंगे शोध
29 लाख की मिली शोध परियोजना, शिक्षकों ने दी बधाई
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो प्राध्यापकों को उत्तर प्रदेश राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू.पी.सी.एस.टी.) से नवीनतम शोध परियोजनाओं हेतु लगभग 28 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है। इससे विश्वविद्यालय के अनुसंधान कार्यों को नई गति और दिशा मिलने की संभावना है। कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह में शिक्षकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मनीष प्रताप सिंह को “टेलरिंग मैकजीन हेट्रोस्ट्रक्चर वाया सर्फेस इंजीनियरिंग फॉर नेक्स्ट जेनरेशन हाइड्रोजन इवोल्यूशन एंड सेंसिंग टेक्नोलॉजीज” विषयक परियोजना के लिए ₹14.58 लाख का अनुदान मिला है। इस परियोजना के अंतर्गत वे मैकजीन आधारित हेटरोस्ट्रक्चर्स की सतही संरचना में नवाचार कर हाइड्रोजन उत्पादन और गैस संवेदन की नई तकनीकें विकसित करेंगे। यह कार्य ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय निगरानी और स्मार्ट सेंसर विकास में अहम योगदान देगा।
भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम कन्हैया को “गोमती नदी में अवसाद जमाव और उसके स्रोतों के वैज्ञानिक अध्ययन” विषयक शोध परियोजना हेतु ₹13.86 लाख की राशि स्वीकृत हुई है। इस शोध के अंतर्गत गोमती नदी में जमा होने वाले अवसादों का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे नदी के भूगर्भीय इतिहास और प्रवाह स्वरूप की गहन समझ विकसित होगी। यह अध्ययन बाढ़ नियंत्रण, जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में उपयोगी सिद्ध होगा।
दोनों प्राध्यापकों ने इससे पूर्व भी कई प्रतिष्ठित शोध परियोजनाओं का सफल नेतृत्व किया है और इनके शोधपत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने दोनों प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि “यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है। इनके शोध कार्य न केवल अकादमिक जगत को समृद्ध करेंगे, बल्कि समाज और पर्यावरण हित में भी उपयोगी सिद्ध होंगे।”
इस अवसर पर कुलसचिव विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पांडे, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद कुमार यादव समेत विश्वविद्यालय परिवार, शोध समुदाय एवं विद्यार्थियों ने दोनों शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी।
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