मरकज़ी सीरत कमेटी: सदर पद को लेकर गतिरोध, ‘दरबारी पत्रकार’ की भूमिका पर चर्चा तेज़ तामीर हसन शीबू जौनपुर। मरकज़ी सीरत कमेटी के सदर पद पर न...
मरकज़ी सीरत कमेटी: सदर पद को लेकर गतिरोध, ‘दरबारी पत्रकार’ की भूमिका पर चर्चा तेज़
जौनपुर। मरकज़ी सीरत कमेटी के सदर पद पर नए अध्यक्ष के चयन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 3 अगस्त को प्रस्तावित चुनाव के दौरान, दो पक्षों के उम्मीदवारों के आमने-सामने आने और समर्थकों के बीच नारेबाज़ी होने से स्थिति बिगड़ गई। तत्कालीन सदर सद्दाम हुसैन ने माहौल को देखते हुए चुनाव निरस्त कर दिया।
इसके बाद, तीन दिन पूर्व साबिक (पूर्व) सदरों की बैठक में अंतरिम व्यवस्था के तहत निर्णय लिया गया कि फिलहाल सभी साबिक सदर ही मिलकर कमेटी का संचालन करेंगे। लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस फैसले पर आपत्ति जताने वालों में एक ऐसे पत्रकार का नाम चर्चा में है, जो पूर्व में कमेटी के मीडिया प्रभारी रह चुका है। स्थानीय हलकों में उन्हें ‘दरबारी पत्रकार’ के नाम से पुकारा जाता है।
सूत्र बताते हैं कि उक्त पत्रकार ने अन्य सामाजिक संगठनों से संपर्क कर मामला और तूल दिलाया, जिसके चलते कमेटी ने बैकफुट पर आकर 48 घंटे के भीतर नए सदर का चयन करने की समय-सीमा तय कर दी, जो आज शाम 4 बजे समाप्त हो रही है।
स्थानीय स्तर पर चर्चाएं यह भी हैं कि उक्त पत्रकार की नज़दीकियां सत्ता पक्ष के साथ रही हैं, और जो भी सदर बनता है, वह उनसे करीबी संबंध बना लेता है। कुछ सूत्रों का दावा है कि पिछले वर्ष इस पत्रकार के माध्यम से दो अलग-अलग व्यक्तियों से कुल 40 हज़ार रुपये का चंदा एकत्र हुआ था, जिसकी पूरी राशि अब तक कमेटी के खाते में दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अब देखना यह है कि आज तय समयसीमा तक नया सदर चुना जाता है या साबिक सदरों का अंतरिम कार्यकाल ही आगे बढ़ाया जाएग
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