2 अगस्त को आयोजित होगी 56वीं क़दीम तरही शब्बेदारी, देशभर से अंजुमनों और शोअरा की होगी शिरकत तामीर हसन शीबू जौनपुर ।ज़ेरे सरपरस्ती इमामे ज़...
2 अगस्त को आयोजित होगी 56वीं क़दीम तरही शब्बेदारी, देशभर से अंजुमनों और शोअरा की होगी शिरकत
तामीर हसन शीबू
जौनपुर।ज़ेरे सरपरस्ती इमामे ज़माना (अ.स.) और प्यासे शहीद हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) की याद में, जौनपुर की एक क़दीम परंपरा के तहत इस वर्ष भी 56वीं तरही शब्बेदारी का आयोजन भव्य रूप से किया जा रहा है। यह शब्बेदारी शनिवार, 2 अगस्त 2025 को इमामबाड़ा कल्लू मरहूम, मख्दूमशाह अडहन में मुनक्कीद की जाएगी।
शब्बेदारी की सरपरस्ती आली जनाब सैयद कैसर असद अब्बास साहब (राजापट्टी, सिकनी) और सैयद अफसर हुसैन साहब कर रहे हैं, जबकि सरपरस्त-ए-आला की ज़िम्मेदारी आती स्नाब अली मंज़र दुलारे साहब निभा रहे हैं।
इस धार्मिक और साहित्यिक कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से नामचीन शोअरा, अंजुमनें, समाजसेवी, और आलिमे दीन शिरकत करेंगे।
विशेष मेहमानों में शामिल हैं:
अलहाज सैयद कबीर जैदी, कानपुर
जनाब इश्रत अली राही, करवलाई सिपाह
डॉ. सैयद अलमदार हुसैन 'नज़र', प्रिंसिपल, लिया कॉलेज जौनपुर
सैयद हादी अब्बास, मछलीशहर, अकबरपुर (मेहमाने ख़ुसूसी)
ज्ञान प्रकाश सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता
बृजेश सिंह 'प्रिन्सू', MLC
कार्यक्रम में अन्य प्रमुख शख्सियतें:
मौलाना ज़फ़र ख़ान आज़मी – तिलावत-ए-क़ुरआन
हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद ज़हीर अब्बास (अरशद) – खतीब, किल्ला (कुम ईरान)
मौलाना सैयद सफदर हुसैन ज़ैदी, किल्ला, जौनपुर – खतीबे दोम
डॉ. हैदर अब्बास 'चाँद', सदस्य, अल्पसंख्यक आयोग
सैयद मेराज हैदर, जिलाध्यक्ष, अल्पसंख्यक मोर्चा, भाजपा
निजामत:
ज़ाहिद कानपुरी,
बेलाल हसनैन,
मो. अब्बास 'रिषभ'
सोज़ख्वानी:
समर रज़ा,
आरिज़ रज़ा व उनके हमनवा
शोअरा-ए-किराम:
जनाब अहमद नेसार जौनपुरी
जनाब अकरम जौनपुरी
जनाब हसन फतेहपुरी
जनाब तनवीर जौनपुरी
जनाब एहतेशाम जौनपुरी
शामिल होने वाली अंजुमनें:
बेरूनी अंजुमनें:
अंजुमन सज्जादिया, जलालपुर
अंजुमन सज्जादिया, घोसी (मऊ)
अंजुमन जव्वादिया, बनारस
अंजुमन अब्बासिया
अंजुमन अब्बासिया, जलालपुर
मुक़ामी अंजुमनें:
हुसैनिया, बलुआपाट
सज्जादिया (सदर: सैयद नजमुल हसन 'नजमी', सुल्तानपुर)
अज़ादारिया
जुल्फेकारिया, बड़ी मस्जिद
गुलशन-ए-इस्लाम
कौसरिया
असगरिया, पुरानी बाजार
नावव (सेक्रेटरी)
मासूमिया, सिपाह
इस ऐतिहासिक शब्बेदारी में तरही शायरी, मर्सिया, नोहाख्वानी और मजलिस के माध्यम से इमामे मजलूम की शहादत को याद किया जाएगा। आयोजकों के अनुसार, इस बार भी हज़ारों अकीदतमंदों की उपस्थिति की उम्मीद है।
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