बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहीं मेडिकल दुकानें, प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर नहीं लग रही लगाम प्रशासन की अनदेखी से युवाओं में बढ़ रही ...
बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहीं मेडिकल दुकानें, प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर नहीं लग रही लगाम
प्रशासन की अनदेखी से युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, जिले में सख्त कार्रवाई की दरकार
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। जनपद में बिना लाइसेंस व फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, जिससे न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, बल्कि प्रतिबंधित दवाओं की खुलेआम बिक्री भी हो रही है। इन दवाओं का अधिकांश उपयोग नशे के रूप में किया जा रहा है, जिससे युवाओं में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है।
प्रदेश के अन्य जिलों की तरह जौनपुर में भी ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट और एनडीपीएस एक्ट का पालन करवाने की आवश्यकता है, लेकिन संबंधित विभाग की ढिलाई के चलते न तो नियमित जांच हो रही है और न ही अवैध रूप से संचालित मेडिकल दुकानों पर कोई ठोस कार्यवाही। बिना चिकित्सकीय परामर्श के नार्कोटिक दवाएं आसानी से बिक रही हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।
औषधि विभाग द्वारा मेडिकल स्टोरों की छानबीन, फार्मासिस्ट की नियुक्ति की जांच और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर रोक की दिशा में अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। इसके चलते युवाओं का स्वास्थ्य और समाज दोनों ही खतरे में हैं।
जिलाधिकारी को चाहिए कि वे जिले में तत्काल अभियान चलवाकर मेडिकल दुकानों की सघन जांच कराएं और बिना फार्मासिस्ट के संचालित दुकानों को तत्काल बंद कराया जाए। साथ ही पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग और औषधि निरीक्षक की संयुक्त टीम गठित कर मादक पदार्थों के दुरुपयोग पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए।
जिले के स्कूल-कॉलेजों में भी जागरूकता अभियान की सख्त जरूरत है, जिससे किशोरावस्था में ही बच्चों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया जा सके। समाज को इस दिशा में सजग होकर सहयोग देना होगा, तभी नशे की इस बढ़ती महामारी पर लगाम लगाई जा सकेगी।
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