ड्रीमलैंड मेला बना अव्यवस्था का प्रतीक, सुरक्षा और सुविधा को तरसते लोग तामीर हसन शीबू जौनपुर।शहर के बीआरपी इंटर कॉलेज मैदान में लगा ड्रीमलै...
ड्रीमलैंड मेला बना अव्यवस्था का प्रतीक, सुरक्षा और सुविधा को तरसते लोग
तामीर हसन शीबू
जौनपुर।शहर के बीआरपी इंटर कॉलेज मैदान में लगा ड्रीमलैंड प्रदर्शनी एवं मेला इन दिनों लोगों के लिए मनोरंजन का नहीं बल्कि अव्यवस्था, असुरक्षा और असुविधा का प्रतीक बन गया है। भीड़ के अनुपात में न पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है, न ही मूलभूत सुविधाओं का ध्यान।
सुरक्षा इंतजाम नाममात्र, प्रशासन नदारद
मेले में भारी भीड़ उमड़ रही है, खासकर महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद सुरक्षा के नाम पर कुछ निजी सुरक्षाकर्मी तैनात हैं जबकि पुलिस बल की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है। इससे जेबकतरी, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और छोटे विवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं।
स्वच्छता व्यवस्था बेहाल
साफ-सफाई की स्थिति बेहद दयनीय है। मैदान में जगह-जगह कूड़े के ढेर हैं और बदबू से लोगों को परेशानी हो रही है। शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि लोग उसका उपयोग करने से बच रहे हैं।
दाम मनमाने, जेब पर भारी
खेल-झूले और खाद्य सामग्री की दुकानों पर किसी प्रकार की दर सूची नहीं लगी है। दुकानदार मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
शिक्षा परिसर में मेले पर सवाल
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने सवाल उठाया है कि जिस विद्यालय परिसर में शैक्षणिक वातावरण होना चाहिए, वहां व्यवसायिक गतिविधियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, बल्कि सुरक्षा को लेकर भी चिंता बनी हुई है।
प्रशासन की चुप्पी खतरनाक
आयोजन की निगरानी में प्रशासनिक उदासीनता साफ झलक रही है। न तो कोई नियमित जांच हो रही है और न ही आयोजकों को नियमों का पालन कराने की कोशिश की गई है।
क्या किसी हादसे के बाद ही जागेगा प्रशासन?
स्थिति गंभीर होती जा रही है। यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया, तो कोई अप्रिय घटना सामने आ सकती है। सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी चेतेंगे या फिर यह मेला सिर्फ एक हादसे का इंतजार बनकर रह जाएगा?
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