सीजेएम कोर्ट के लिपिक की रिश्वत लेते वीडियो वायरल, न्यायपालिका की साख पर उठने लगा सवाल अनवर हुसैन जौनपुर जिले की न्यायिक व्यवस्था उस वक्त स...
सीजेएम कोर्ट के लिपिक की रिश्वत लेते वीडियो वायरल, न्यायपालिका की साख पर उठने लगा सवाल
अनवर हुसैन
जौनपुर जिले की न्यायिक व्यवस्था उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई जब सीजेएम न्यायालय जौनपुर में तैनात लिपिक (क्लर्क) दीपक यादव का रिश्वत लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में दीपक यादव स्पष्ट रूप से अभियुक्त की जमानत के बदले रिश्वत लेते कैमरे में कैद हो गए हैं।
मामला थाना लाइन बाजार कांड संख्या- 135/24, धारा 406, 420, 498A व 120B से जुड़ा है, जिसमें अभियुक्त संदीप यादव पुत्र अमरजीत यादव, ग्राम भवानीपुर, थाना सिकरारा को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय लाया गया था। आरोप है कि लिपिक ने 17 जून को सुबह 9:04 बजे जमानत के बदले नगद घूस ली और पुलिस गिरफ्तारी के बावजूद अभियुक्त को सीधे जमानत दिलवा दी, बिना उसे न्यायिक हिरासत में भेजे। जमानत आदेश एसीजेएम प्रथम (मुकीम अहमद) के न्यायालय द्वारा पारित किया गया।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब क्लर्क दीपक यादव पर ऐसे आरोप लगे हैं। 10 जून 2025 को भी इसी न्यायालय से इसी कांड के अन्य 5 सह-अभियुक्तों को भारी घूस के बदले जमानत दिलवाए जाने का आरोप है, जबकि उनका अग्रिम जमानत आवेदन पहले ही जिला एवं सत्र न्यायालय और उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा खारिज किया जा चुका था। इतना ही नहीं, इस प्रकरण से जुड़ा 528 बीएनएसएस (BNSS) का आवेदन अब भी उच्च न्यायालय में लंबित है।
वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए लिपिक दीपक यादव ने दावा किया कि "वीडियो उस वक्त का है जब न्यायालय में जुर्माना जमा हो रहा था", लेकिन वीडियो में स्पष्ट तौर पर रिश्वत की लेनदेन की क्रियाएं नजर आ रही हैं, जिससे यह सफाई सवालों के घेरे में है।
इस घटना ने न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायपालिका में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर पुनः विचार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जिले के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक महकमे तक अब इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और आवश्यक कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।
फिलहाल, पीड़ित पक्ष एवं कई सामाजिक संगठनों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
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