जफराबाद थानाध्यक्ष से नहीं संभल रही कमान, एक ही परिवार की तीन हत्याओं से थर्राया जौनपुर नेवादा बाईपास पर ट्रिपल मर्डर से हड़कंप, कानून-व्यव...
जफराबाद थानाध्यक्ष से नहीं संभल रही कमान, एक ही परिवार की तीन हत्याओं से थर्राया जौनपुर
नेवादा बाईपास पर ट्रिपल मर्डर से हड़कंप, कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत नेवादा बाईपास पर हुए ट्रिपल मर्डर ने पूरे जनपद को हिला कर रख दिया है। एक ही परिवार के तीन लोगों—पिता लालजी व उनके दो पुत्रों गुड्डू कुमार और यादवीर—की लोहे की रॉड और हथौड़े से बेरहमी से हत्या कर दी गई। वारदात इतनी नृशंस थी कि शवों की हालत देखकर हर कोई सन्न रह गया।
मृतक परिवार ‘लालजी वेल्डिंग वर्कशॉप’ के नाम से नेवादा बाईपास पर एक प्रतिष्ठान चलाता था। गुरुवार देर रात बदमाशों ने ताबड़तोड़ हमला कर तीनों की जान ले ली और फरार होते समय घर में लगे CCTV कैमरे और DVR भी उखाड़ ले गए। यह पूरी वारदात जफराबाद थाने से महज कुछ ही दूरी पर हुई, जिससे थाने की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना की सूचना पर पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ कुमार समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला पुरानी रंजिश का प्रतीत हो रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए आठ विशेष पुलिस टीमों का गठन कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी गई है।
थानाध्यक्ष की कार्यशैली सवालों के घेरे में
स्थानीय लोगों का कहना है कि जफराबाद थाना क्षेत्र में लगातार अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। रात्रि गश्त न के बराबर है और निगरानी व्यवस्था लचर पड़ चुकी है। थाने से महज कुछ ही दूरी पर इस तरह की त्रिकालिक हत्या ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जफराबाद थानाध्यक्ष से कानून-व्यवस्था संभल नहीं रही।
जनता में भय, भरोसा खत्म
घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। लोग खुलेआम कह रहे हैं कि पुलिस सिर्फ कागज़ी कार्रवाई में व्यस्त रहती है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक जनता के बीच डर और असुरक्षा का माहौल बना रहेगा।
सवाल यह है कि—
क्या जफराबाद थाना क्षेत्र में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे थाने के पास ही तीन लोगों की हत्या कर आराम से फरार हो जाएं?
आखिर CCTV और DVR तक ले जाना क्या पुलिस की निगरानी पर तमाचा नहीं है?
और सबसे बड़ा सवाल—कब तक जनता ऐसे थानाध्यक्षों की लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकाती रहेगी?
जिले की कानून व्यवस्था पर यह घटना काला धब्बा बन गई है। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में सफल होता है।
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