रिकॉर्ड के अभाव में लौटे मुख्य कोषाधिकारी, महिला अस्पताल में टेंडर घोटाले की जांच पर सवाल तामीर हसन शीबू जौनपुर : जिला महिला चिकित्सालय में...
रिकॉर्ड के अभाव में लौटे मुख्य कोषाधिकारी, महिला अस्पताल में टेंडर घोटाले की जांच पर सवाल
तामीर हसन शीबू
जौनपुर: जिला महिला चिकित्सालय में टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पहुंचे मुख्य कोषाधिकारी उमा शंकर को शनिवार को खाली हाथ लौटना पड़ा। अस्पताल के सीएमएस द्वारा जरूरी दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने के कारण वे मौके पर कोई जांच नहीं कर सके।
गौरतलब है कि अस्पताल में विभिन्न कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई थी, जिसमें नियमों की अनदेखी किए जाने के आरोप सामने आए हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में वित्त अधिकारी की भागीदारी नहीं सुनिश्चित की गई, जो नियमानुसार आवश्यक है। इसके साथ ही कई अन्य प्रशासनिक खामियों की भी बात उजागर हुई है।
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में मुख्य कोषाधिकारी उमा शंकर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह और जिला पुरुष चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. केके राय को शामिल किया गया है।
शनिवार को मुख्य कोषाधिकारी जब जांच के उद्देश्य से महिला चिकित्सालय पहुंचे तो सीएमएस की ओर से कोई भी संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि रिकॉर्ड की अनुपलब्धता के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी। हालांकि उन्हें रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए समय दिया गया है।
उमा शंकर ने जानकारी दी कि जल्द ही समिति के अन्य सदस्यों के साथ पुनः अस्पताल जाकर जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इस मामले में जिला प्रशासन की सख्ती और पारदर्शिता की कोशिशों के बीच अस्पताल प्रशासन का यह रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है।
जांच के निष्कर्षों पर अब जिले की निगाहें टिकी हैं, जिससे यह तय हो सके कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही किस हद तक लागू हो रही है।
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