अंगद के पांव बने बेसिक शिक्षा अधिकारी, ट्रांसफर नीति पर उठे सवाल तामीर हसन शीबू जौनपुर : उत्तर प्रदेश शासन के नियमों के अनुसार, क्लास-1 और ...
अंगद के पांव बने बेसिक शिक्षा अधिकारी, ट्रांसफर नीति पर उठे सवाल
तामीर हसन शीबू
जौनपुर: उत्तर प्रदेश शासन के नियमों के अनुसार, क्लास-1 और क्लास-2 के अधिकारी किसी भी जनपद में अधिकतम तीन साल तक पदस्थ रह सकते हैं। हालांकि, यह अवधि प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से कम या ज्यादा भी हो सकती है। लेकिन जौनपुर में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. गोरखनाथ पटेल का मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। उनकी तैनाती को लेकर तबादला नीति सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि वे ‘अंगद के पांव’ की तरह इस पद पर जमे हुए हैं।
तबादला नीति की अनदेखी?
शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद डॉ. पटेल का इतने लंबे समय तक जौनपुर में पदस्थ रहना सवाल खड़े कर रहा है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, प्रदेशभर में अधिकारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जौनपुर में यह नीति निष्प्रभावी साबित हो रही है। क्या शासन की मंशा को दरकिनार कर कुछ अधिकारियों को विशेष संरक्षण दिया जा रहा है?
कार्यालय में पत्रकार की 'खास भूमिका'
सूत्रों के अनुसार, बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक पत्रकार की भूमिका भी चर्चा का विषय बनी हुई है। बताया जा रहा है कि यह पत्रकार डॉ. पटेल के आने से 10 मिनट पहले कार्यालय पहुंचता है और उनके जाने के 10 मिनट बाद तक वहां बना रहता है। जनचर्चा यह भी है कि यह पत्रकार कार्यालय में 'कमाऊ सूत्र' के रूप में काम कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासनिक कार्यों में निष्पक्षता बनी हुई है, या फिर यह कोई प्रभावशाली गठजोड़ है?
शिक्षा विभाग में बढ़ रही नाराजगी
बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े लोग भी इस स्थिति को लेकर नाराजगी जता रहे हैं। उनका मानना है कि जब शासन की ओर से एक स्पष्ट नीति बनाई गई है, तो इसका पालन सभी अधिकारियों पर समान रूप से होना चाहिए। लेकिन जौनपुर में लंबे समय से जमे अधिकारियों को लेकर शिक्षा विभाग में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
क्या शासन लेगा कोई संज्ञान?
अब सवाल यह है कि क्या शासन इस मामले में कोई कार्रवाई करेगा, या फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी अंगद के पांव की तरह इसी पद पर जमे रहेंगे? साथ ही, कार्यालय में पत्रकार की भूमिका पर भी कोई जांच होगी या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। फिलहाल, यह मामला जौनपुर में शिक्षा विभाग के तबादला नीति के पालन और पारदर्शिता को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ चुका है।
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