झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं, निजी नर्सिंग होम में मौतों का सिलसिला जारी तामीर हसन शीबू जौनपुर। जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और बिना मानक...
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं, निजी नर्सिंग होम में मौतों का सिलसिला जारी
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और बिना मानक संचालित हो रहे प्राइवेट नर्सिंग होम पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। मुख्य चिकित्सा कार्यालय की उदासीनता के चलते जिले में धड़ल्ले से बिना मानक और अधूरी सुविधाओं वाले अस्पतालों को लाइसेंस दिए जा रहे हैं। नतीजतन, अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम में लापरवाही से मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
बिना मानक कैसे मिल रहे लाइसेंस?
जिले में कई प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक बिना जरूरी मानकों को पूरा किए चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ऐसे नर्सिंग होम को लाइसेंस दे दिया जाता है, जबकि इनके पास कुशल डॉक्टर, प्रशिक्षित स्टाफ, आवश्यक जीवनरक्षक उपकरण और आपातकालीन सुविधाएं तक नहीं होती।
लापरवाही से बढ़ रही मौतें
अयोग्य डॉक्टर और नर्सिंग होम की लापरवाही के कारण मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है। कई बार गलत इलाज और लापरवाही से मरीजों की मौत हो जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता के चलते इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं होती।
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी
मुख्य चिकित्सा कार्यालय की गहरी नींद के कारण जिले में झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
कब होगी ठोस कार्रवाई?
जनता अब सवाल उठा रही है कि स्वास्थ्य विभाग आखिर कब जागेगा? कब तक मरीज लापरवाह इलाज की भेंट चढ़ते रहेंगे? अगर जल्द ही इन अवैध नर्सिंग होम और झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
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