मोबाइल चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार रवि कम्युनिकेशन के अधिष्ठाता ने कार्रवाई पर उठाया सवाल चोरी हुए 46 ...
मोबाइल चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार
रवि कम्युनिकेशन के अधिष्ठाता ने कार्रवाई पर उठाया सवाल
चोरी हुए 46 फोन की आईएमआई में 15 फोन बरामद पुलिस ने किया खुलासा
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। जिले की नगर कोतवाली पुलिस ने अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से चोरी के 15 महंगे स्मार्टफोन, एक लोहे का कटर, एक पेचकस और एक पीठू बैग बरामद किया है। ये आरोपी बिहार के कुख्यात चोर गिरोह से जुड़े हुए हैं और नेपाल, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व बिहार समेत कई राज्यों में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक नगर के पर्यवेक्षण में की गई इस कार्रवाई को पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
11-12 मार्च 2025 की रात को ओलंदगंज स्थित रवि कम्युनिकेशन मोबाइल शॉप में चोरी की एक बड़ी वारदात हुई थी। चोरों ने दुकान का शटर काटकर लाखों रुपये के मोबाइल फोन चोरी कर लिए थे। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिससे पुलिस को अहम सुराग मिले।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर दो विशेष टीमें गठित कीं। एक टीम को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में छानबीन के लिए भेजा गया, जबकि दूसरी टीम ने स्थानीय स्तर पर जांच शुरू की
। पुलिस की गहन पड़ताल और मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर 19 मार्च 2025 को रसूलाबाद भंडारी रोड से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
चोरी का सामान बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी के 15 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 2 लाख रुपये आंकी गई है।
अंजय कुशवाहा के पास से 8 वीवो एंड्रॉइड मोबाइल, एक लोहे का कटर, एक पेचकस और एक काला पीठू बैग बरामद हुआ।
अनीश कुशवाहा के पास से 4 सैमसंग एंड्रॉइड मोबाइल मिले।
मो. अमानुल्लाह के पास से 3 मोबाइल (1 सैमसंग, 1 ओप्पो, 1 मोटोरोला) बरामद हुए।
अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह कई राज्यों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। इनका तरीका बेहद शातिराना और पेशेवर था। ये तेज धारदार ब्लेड कटर से दुकानों के शटर काटते और फिर महंगे मोबाइल व घड़ियों की चोरी कर फरार हो जाते थे।
मुख्य आरोपी का आपराधिक इतिहास
अंजय कुशवाहा नेपाल की जेल में चार साल की सजा काट चुका है।
इस पर बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें मु.अ.सं. 64/2025 धारा 331(4)/305/317(2) बीएनएस थाना कोतवाली जौनपुर प्रमुख है।
अनीश कुशवाहा और मो. अमानुल्लाह के खिलाफ भी बिहार और जौनपुर में चोरी के कई मामले दर्ज हैं।
पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि चोरी किए गए मोबाइल कहां और कैसे बेचे जाते थे।
आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी कर उन्हें न्यायालय में पेश करने की तैयारी कर ली है। पुलिस का मानना है कि इनकी गिरफ्तारी से शहर में हो रही चोरी की घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।
रवि कम्युनिकेशन के अधिष्ठाता ने कार्रवाई पर उठाया सवाल
जौनपुर नगर के ओलंदगंज स्थित रवि कम्युनिकेशन प्रतिष्ठान के अधिष्ठाता रवि गुप्ता के अनुसार 12 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन से पहले तड़के 04:46 बजे उनके प्रतिष्ठान में चोरी की बड़ी वारदात हुई थी। इस चोरी में लगभग 12,60,000 रुपये की नगदी और 109 मोबाइल फोन चोरी हुए थे। हालांकि, पुलिस ने जो नगदी बरामद की है, उससे रवि गुप्ता संतुष्ट नहीं हैं, और उनका दावा है कि पुलिस ने केवल 15 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जबकि अभी भी 30 फोन का कोई पता नहीं चल पाया है।
कैमरे के अभाव में साक्ष्य की कमी
रवि गुप्ता ने अपनी बात में यह भी कहा कि यदि उनके प्रतिष्ठान में कैमरे लगे होते, तो वह पूरी प्रमाणिकता के साथ दिखा सकते थे कि उनके प्रतिष्ठान से 12,60,000 रुपये की नगदी भी चोरी हुई थी। कैमरे की कमी के कारण वे अपना पूरा साक्ष्य पुलिस के सामने नहीं प्रस्तुत कर पा रहे हैं, जो उन्हें इस मामले में और अधिक सहायता प्रदान कर सकता था।
चोरी के मुख्य आरोपी अब भी गिरफ्त से बाहर
रवि गुप्ता के मुताबिक, इस चोरी की वारदात में अब तक तीन व्यक्ति पकड़े गये है, जिसमें से एक व्यक्ति फोन की खरीद-फरोख्त करने वाला था, लेकिन तीन मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। रवि गुप्ता ने आशंका जताई है कि जब तक इन तीनों आरोपियों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक इस चोरी की वारदात का पूरा खुलासा नहीं हो सकेगा।
स्थानीय व्यक्ति की संभावित भूमिका
रवि गुप्ता ने यह भी कहा कि चोरी की योजना इतनी सटीक तरीके से बनाई गई थी कि यह सवाल उठता है कि बिहार में रहकर कोई व्यक्ति कैसे जान सकता है कि एक महीने पहले खुले रवि कम्युनिकेशन पर 17 दिन के अंदर चोरी की योजना बनानी है। यह उनके लिए स्पष्ट संकेत है कि इस चोरी में किसी स्थानीय व्यक्ति की भूमिका हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि इस मामले का सही तरीके से खुलासा तब तक नहीं हो सकेगा, जब तक बाकी के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते।
आईएमआई नंबर की मदद से पुलिस को दी गई जानकारी
रवि गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पुलिस को 46 चोरी हुए मोबाइल फोन के आईएमआई नंबर प्रदान किए हैं, ताकि पुलिस इन फोन को ट्रैक कर सके। लेकिन अब तक पुलिस ने केवल 15 फोन बरामद किए हैं, और अन्य 30 फोन का कोई पता नहीं चल सका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस जल्द ही इन फोन का पता लगाएगी और चोरों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
रवि गुप्ता का दर्द
रवि गुप्ता का कहना है कि इस चोरी की घटना ने उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया है। वह कहते हैं, "मेरे प्रतिष्ठान में कैमरा नहीं था, इसलिए हम अपना पूरा साक्ष्य नहीं दिखा पा रहे हैं। यह हमें बहुत परेशान कर रहा है।" रवि गुप्ता की चिंता सिर्फ चोरी की वस्तुओं के बारे में नहीं है, बल्कि इस वारदात में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके प्रतिष्ठान की सुरक्षा को लेकर भी है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
वहीं, स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। रवि गुप्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरू में इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया था, लेकिन अब जब मामला तूल पकड़ चुका है, तो पुलिस सक्रिय हो रही है। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि वह जल्द से जल्द बाकी के आरोपियों को गिरफ्तार करें और इस चोरी की पूरी साजिश का पर्दाफाश करें।
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