गाड़ियों के डैशबोर्ड पर पुलिस की टोपी रखने का बढ़ता चलन, बना चर्चा का विषय तामीर हसन शीबू जौनपुर: जनपद में इन दिनों एक अनोखा चलन चर्चा का...
गाड़ियों के डैशबोर्ड पर पुलिस की टोपी रखने का बढ़ता चलन, बना चर्चा का विषय
तामीर हसन शीबू
जौनपुर: जनपद में इन दिनों एक अनोखा चलन चर्चा का विषय बना हुआ है। कई पुलिसकर्मी या उनके परिजन अपनी गाड़ियों के डैशबोर्ड या पीछे की सीट पर पुलिस की टोपी रखकर सड़कों पर बेखौफ दौड़ते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह तरीका उन्हें यातायात नियमों की कार्रवाई से बचाने के लिए अपनाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मियों के परिजन और रिश्तेदार भी इस "टोपी ट्रिक" का फायदा उठाते हुए सड़कों पर बेधड़क वाहन चला रहे हैं। कई मामलों में देखने को मिला है कि बिना हेलमेट बाइक चलाने वाले या ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाले कुछ वाहन चालकों की गाड़ियों पर पुलिस की टोपी रखी होती है, जिससे ट्रैफिक पुलिस उन पर हाथ डालने से हिचकिचाती है।
न केवल स्थानीय, बल्कि बाहरी राज्यों के पुलिसकर्मी भी अपना रहे यह तरीका
यह प्रवृत्ति केवल जौनपुर तक सीमित नहीं है। पड़ोसी राज्यों के कुछ पुलिसकर्मी भी अपनी गाड़ियों पर पुलिस की टोपी रखकर नियमों से बचने का प्रयास करते देखे गए हैं। यह तरीका इतना प्रभावी हो चला है कि अब यह चर्चा का विषय बन गया है।
प्रशासन की नजर, जल्द होगी कार्रवाई
इस विषय पर जब ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह नियमों का उल्लंघन है और इस पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। प्रशासन जल्द ही ऐसी गाड़ियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा, ताकि ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु बनी रहे और किसी को कानून से ऊपर होने का लाभ न मिल सके।
नागरिकों की मांग – सख्त हो नियमों का पालन
शहरवासियों का कहना है कि यातायात नियम सभी के लिए समान होने चाहिए और ऐसी प्रवृत्तियों पर रोक लगनी चाहिए। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसकी वर्दी या पद नहीं, बल्कि उसके कृत्य के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए।
देखना यह होगा कि प्रशासन इस प्रचलित "टोपी ट्रिक" पर कैसे अंकुश लगाता है और क्या भविष्य में इस पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
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