एकता और मोहब्बत का संदेश, हम सबका कर्तव्य मौलाना महफूजुल हसन खान तामीर हसन शीबू जौनपुर शिया जामा मस्जिद में आज पेश इमाम मौलाना महफूजुल हसन ...
एकता और मोहब्बत का संदेश, हम सबका कर्तव्य मौलाना महफूजुल हसन खान
तामीर हसन शीबू
जौनपुर शिया जामा मस्जिद में आज पेश इमाम मौलाना महफूजुल हसन खान ने अलविदा जुम्मा की नमाज़ अदा की। रमज़ान के पवित्र महीने का आखिरी जुम्मा होने के नाते, यह आयोजन मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं भावनात्मक क्षण रहा। मौलाना ने इस अवसर पर शांति, एकता और भाईचारे का संदेश देते हुए, धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों की ओर भी ध्यान दिलाया।
नमाज़ के अंत में मौलाना महफूजुल हसन खान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,
हमारा इस्लाम हमेशा से एकता, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देता आया है। आज, इस अलविदा जुम्मा के अवसर पर मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि हम अपने दिलों में प्रेम और समझ का बीज रोपें। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी असली ताकत हमारी एकता में है, और यही एकता हमें हर मुश्किल से लड़ने की शक्ति देती है इस विशेष दिन की मनोभावना में, मौलाना के इस बयान ने सभी में एक नई उमंग का संचार किया। अलविदा जुम्मा, जिसे जुम्मा-तुल-विदा के नाम से भी जाना जाता है, विशेष नमाज़, दुआ, कुरान की तिलावत, सदका व खैरात, साथ ही ईद की तैयारियों और सामूहिक एकता के द्वारा मनाया जाता है। मौलाना ने इस बात पर बल दिया कि यह दिन न केवल रमज़ान के समापन का प्रतीक है, बल्कि ईद-उल-फितर के स्वागत के लिए एक सकारात्मक और आशापूर्ण शुरुआत भी है।
मौलाना महफूजुल हसन खान का यह संदेश कि "एकता और मोहब्बत का संदेश, हम सबका कर्तव्य" आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बना। उन्होंने समुदाय के सभी सदस्यों से अपील की कि वे मिलजुल कर न केवल धार्मिक कर्तव्यों का पालन करें, बल्कि सामाजिक और पारस्परिक संबंधों को भी सुदृढ़ करें। इस प्रकार, जौनपुर में आज का यह आयोजन समाज में शांति, सौहार्द और सामूहिक उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
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