अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजभवन में विशिष्ट महिलाओं का सम्मान वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. वंदना सिंह और समाजसेवी डॉ. अ...
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजभवन में विशिष्ट महिलाओं का सम्मान
वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. वंदना सिंह और समाजसेवी डॉ. अंजू सिंह राज्यपाल से सम्मानित
जौनपुर । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन, लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। इस विशेष कार्यक्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति डॉ. वंदना सिंह को शिक्षा क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, जबकि समाज सेवा के क्षेत्र में ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका, सचिव एवं प्रबंधक डॉ. अंजू सिंह को भी सम्मान प्राप्त हुआ।
महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरणादायक आयोजन
राजभवन में आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिनमें निर्णायक मंडल द्वारा दिए गए अंकों के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत राजभवन द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर एक संक्षिप्त वृत्तचित्र प्रदर्शित करके की गई। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना की और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी बढ़ती भागीदारी को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कई उदाहरण प्रस्तुत किए और कहा कि "आज की नारी हर क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कर रही है। शिक्षा, समाज सेवा, राजनीति, विज्ञान, कला और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज को नई दिशा देने में सहायक भी है।"
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
इस अवसर पर डॉ. वंदना सिंह ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना ही उनका उद्देश्य है। वहीं, डॉ. अंजू सिंह ने समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "महिलाओं का विकास, समाज और देश के विकास का आधार है। जब एक महिला सशक्त होती है, तो वह पूरे परिवार और समाज को सशक्त बनाती है।"
कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षकगण, समाजसेवी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। इस आयोजन ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए समाज को यह संदेश दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं और वे अपनी मेहनत और लगन से नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।
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