कांग्रेस कमेटी मे असंतोष गहराया नए नेतृत्व की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा से बढ़ा संगठनात्मक संकट तामीर हसन शीबू जौ...
कांग्रेस कमेटी मे असंतोष गहराया
नए नेतृत्व की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा से बढ़ा संगठनात्मक संकट
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। जिला कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी बनने के बाद संगठन में खींचतान तेज़ होती जा रही है। सूत्रों के अनुसार, कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पूर्व जिलाध्यक्षों का मानना है कि नए जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में संगठनात्मक गतिविधियों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो रहा। उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।
“सिर्फ चहेतों पर भरोसा” का आरोप
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए नेतृत्व ने संगठन को समन्वय की बजाय चंद लोगों तक सीमित कर दिया है। पुराने और अनुभवी कार्यकर्ताओं को कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है। यहां तक कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर भी पार्टी के कुछ पूर्व जिला अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्यालय की बजाय एक निजी मैरेज हाल में झंडारोहण कार्यक्रम कराया जब कि नए जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी कार्यालय पर झंडारोहण का कार्यक्रम संपन्न किया गया
गिरता ग्राफ, घटती पकड़
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नए जिलाध्यक्ष के पदभार संभालने के बाद से जिले में कांग्रेस का संगठन और कमजोर हुआ है। पुराने कार्यकर्ताओं से दूरी, सामंजस्य की कमी और सीमित दायरे में फैसले लेने की प्रवृत्ति के चलते पार्टी का जनाधार प्रभावित हो रहा है। यदि यही स्थिति जारी रही तो 2027 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन और खराब हो सकता है।
चुनावी तैयारी पर सवाल
कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस समय पार्टी को बूथ स्तर तक मजबूत करने और जनता के बीच सक्रिय रहने की ज़रूरत है, उसी समय संगठन आंतरिक खींचतान में उलझा हुआ है। उनका मानना है कि यदि नए जिलाध्यक्ष ने अपना रवैया नहीं बदला तो कार्यकर्ताओं का मोहभंग होना तय है।
विश्लेषकों का मानना है कि संगठन की मजबूती आपसी सामंजस्य और वरिष्ठों के अनुभव से ही संभव है। अगर नए नेतृत्व ने सभी गुटों को साथ लेकर चलने की पहल नहीं की, तो जिले में कांग्रेस की राजनीतिक पकड़ और भी कमजोर पड़ सकती है।
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