गोमती घाट निर्माण पर बयानों की राजनीति? स्वच्छ गोमती अभियान अध्यक्ष के आरोपों पर उठे सवाल तामीर हसन शीबू जौनपुर , ।नगर के उत्तरी छोर पर चल ...
गोमती घाट निर्माण पर बयानों की राजनीति? स्वच्छ गोमती अभियान अध्यक्ष के आरोपों पर उठे सवाल
तामीर हसन शीबू
जौनपुर, ।नगर के उत्तरी छोर पर चल रहे गोमती घाट निर्माण कार्य को लेकर स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता द्वारा की गई प्रेस वार्ता में उठाए गए आरोपों को लेकर अब कई हलकों में सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का मानना है कि बिना किसी तकनीकी प्रमाण और विधिक दस्तावेजों के इस तरह के सार्वजनिक बयान देना न केवल जनमानस को भ्रमित करने वाला है, बल्कि यह विकास कार्यों को बाधित करने की कोशिश भी प्रतीत होती है।
प्रेस वार्ता में गौतम गुप्ता ने कहा कि घाट निर्माण NGT के मानकों के विरुद्ध हो रहा है और इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई। लेकिन स्थानीय प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि निर्माण कार्य नमामि गंगे परियोजना के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत ही हो रहा है, और किसी भी प्रकार की प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं किया गया है।
इसके अलावा, पुरातात्विक धरोहर शाही पुल से संबंधित टिप्पणियों को भी कई जानकार अतिशयोक्तिपूर्ण मान रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “शाही पुल को लेकर ASI की अनुमति के बगैर कोई कार्य नहीं हो सकता, ऐसे में इस प्रकार की बातों का आधार स्पष्ट नहीं है।”
गौरतलब है कि गौतम गुप्ता पूर्व में भी कई बार ऐसे मुद्दों को लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं, जिनमें तथ्यात्मक पुष्टि का अभाव रहा है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह बयान जनहित में है या किसी निजी या राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए दिया गया है?
हालांकि, उन्होंने जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंशु, और नगर पालिका चेयरमैन प्रतिनिधि डॉ. रामसूरत मौर्य के कार्यों की सराहना अवश्य की, लेकिन जानकारों का मानना है कि यदि प्रशासनिक कार्यों की नीयत व पारदर्शिता पर भरोसा है, तो फिर एकतरफा आरोप लगाने के बजाय प्रमाण सहित जिम्मेदार मंचों पर अपनी बात रखनी चाहिए।
अब देखना यह होगा कि आगामी दिनों में स्वच्छ गोमती अभियान द्वारा घोषित ज्ञापन कितना तथ्यात्मक और तर्कसंगत होगा, अथवा यह एक और मीडिया स्टंट बनकर रह जाएगा।
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